भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल शहर के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित नगरीय निकायों के नव-निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण सह-सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस बार शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता को लेकर मध्यप्रदेश नंबर-1 आया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक योजना बनाई है। सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार 5 साल में 4900 करोड़ खर्च करेंगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक बड़ी घोसणा भी की जिसके तहत अब नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों का मानदेय और भत्ता दोगुना होगा।
इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने पार्षदों को सम्बोधित करते हुए कहा की हमेशा विनम्र बने रहना। अहंकार नहीं आना चाहिए। किसी भी कागज पर बिना पढ़े दस्तखत मत करना। नियम, प्रक्रिया पढ़ने के बाद सभी तरह की जानकारी लेकर ही दस्तखत करना,ये मूलमंत्र देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की लोकतंत्र में हम जनता की सेवा के लिए हैं। जीतने के बाद हमको सभी का ध्यान रखना है। दूसरों का भला करने से बड़ा कोई धर्म नहीं है। सेवक हैं तो धैर्य नहीं खोना है। कभी निराश मत होना, उत्साह से भरे रहना, हर परिस्थिति में हल निकालते रहना। वार्ड का भ्रमण करते रहना और हमेशा मीठा बोलना।
इस कार्यक्रम में सभी निगम परिषद् शामिल हुई थी। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने पार्षदों को प्रेरित करते हुए कहा की मन में तड़प हो तो शरीर से निकलने वाले रसायन आपको दिन-रात काम करने की ताकत देते हैं। ये सफल होने के गुण हैं। आज हम आपको नियम,प्रक्रिया उपलब्ध करा रहे हैं। इतनी चीजें हैं कि उनसे आप जनता को निहाल कर सकते हैं। गर ठीक से समझ लिया तो जनता के दिल पर राज करोगे। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने 31 दिसम्बर 2020 तक शहरों में जो गरीब जहां रह रहा है, उसका उसे पट्टा देने का एलान भी किया। साथ ही कई और योजनाओ का एलान किया जिसमे मुख्यमंत्री शहरी अधोसंचना के तहत 5 हजार करोड़ के काम किए जाने व बिल्डिंग परमिशन 30 दिन के बजाय 15 दिन में मिलने की घोसणा की।
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