उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार स्कूल समिट का शुभारंभ बुधवार सुबह किया. दो दिवसीय स्कूल समिट के उद्घाटन अवसर पर सीएम योगी ने पूरे देश में एक शिक्षा प्रणाली लागू करने की वकालत करते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों, विभिन्न बोर्ड और संस्थाओं के पाठ्यक्रमों में साम्यता स्थापित करनी होगी. उन्होंने कहा कि शिक्षा को बंधनों में जकड़कर समाज और राष्ट्र की प्रगति को बाधित नहीं किया जाना चाहिए. साम्यता का यह कार्य केवल सरकार के स्तर पर ही करने से काम नहीं चलेगा. शिक्षा में 'इनोवेटिव चेंज' लाकर स्कूली शिक्षा को सर्वांगीण विकास और स्वावलंबन से जोड़ने वाली संस्थाओं को अपना योगदान देकर एक महान कार्य करना होगा.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गोमतीनगर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित स्कूल समिट में बतौक मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अलग-अलग देश, काल और परिस्थिति में शिक्षा की उपयोगिता किस रूप में हो सकती है. इस पर चिंतन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य तो है, लेकिन इससे हम ठोस निष्कर्ष पर पहुंचकर एक कार्ययोजना बनाने में सफल हों, यही आज की आवश्यकता है. योगी ने कहा कि जनसहभागिता से उत्पन्न सुविधाओं से यदि हम स्कूली शिक्षा ठीक कर लें तो उच्च शिक्षा में बच्चे अपना भविष्य स्वयं बना सकते हैं.ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से सरकारी अधिकारी और कंपनियां स्कूलों को गोद लेंगी तो इससे हमारी शिक्षा की नींव मजबूत होगी.
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अपने बयान में सीएम योगी ने कहा कि हमें विश्वास है कि आज के स्कूल समिट के माध्यम से हम सब एक कार्ययोजना बनाकर एक सार्थक पहल कर सकेंगे और शिक्षा जगत के माध्यम से अपना योगदान देकर भारत को समर्थ और सशक्त बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षा पर खरे उतर सकेंगे.
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