हम जब छोटे थे तब मम्मी से, नानी-दादी से कहानियां सुना करते थे, मगर आजकल ये चीजे नहीं दिखाई देती है. एक रिसर्च के अनुसार बच्चों को बचपन में कहानियां सुनना जरूरी होता है. इस तरह बच्चे दूसरो की अपेक्षा अधिक बुद्धिमान होते है. बचपन में जितनी गहरी नींव बच्चे को दी जाती है उतना ही सुनहरा उसका भविष्य होता है.
कई लोग बचपन में अपने बच्चों को सिर्फ पढ़ाई में ही उलझा कर रखते है. दादी-नानी बच्चों को बचपन में कहानियां और पुरानी बातें सुनाती है, इससे बच्चों में शालीनता और गंभीरता आती है. जब बच्चा कहानी में किसी को फंसता हुआ सुनता है तो भावुक हो जाता है और फिर उसी तरह असल जिंदगी में मुसीबतो का सामना डट कर करता है. कहानियां सुनने बच्चे का मानसिक विकास तेजी से होता है.
बच्चे में कहानियां सुनने से गंभीरता और अनुशासन का गुण आता है. स्कूल में बच्चों के लिए कई तरह के नियम बनाए जाते है किन्तु बच्चे न तो उनका पालन करते है और न ही उनसे कुछ सीखते है. मगर कहानियां सुनने से बच्चे के मस्तिष्क पर गहरी छाप पड़ती है.
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