नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में बंद हुए स्कूलों को फिर से खोलने की संभावना बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बच्चों के मिड-डे मील से वंचित होने और वायु प्रदूषण के प्रभाव को देखते हुए स्कूल खोलने पर विचार करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस अगस्तिन जॉर्ज मासिह की बेंच ने कहा कि स्कूल बंद रखने के फैसले की अब समीक्षा की जानी चाहिए। कोर्ट ने यह भी माना कि कई बच्चों को मिड-डे मील नहीं मिल पा रहा है और गरीब परिवारों के पास एयर प्यूरीफायर भी नहीं हैं, जिससे यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि स्कूल की तुलना में घर ज्यादा सुरक्षित हैं या नहीं।
कुछ माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में स्कूल खोलने के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने तर्क दिया कि लाखों बच्चे मिड-डे मील पर निर्भर हैं, और स्कूल बंद होने की वजह से उन्हें जरूरी पोषण नहीं मिल रहा। वकीलों ने यह भी बताया कि गरीब परिवारों में एयर प्यूरीफायर नहीं होने से बच्चों को घर पर रहने में भी परेशानी हो रही है। इन दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल खोलने पर सहमति जताई है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में ग्रैप-4 के तहत लागू पाबंदियां जारी रहेंगी। इसमें ट्रकों की एंट्री पर रोक, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, और अन्य सख्त उपाय शामिल हैं। ग्रैप (Graded Response Action Plan) वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक त्वरित कार्य योजना है। जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 से अधिक हो जाता है, तो यह "गंभीर प्लस" श्रेणी में आ जाता है, और ग्रैप-4 के नियम लागू किए जाते हैं। इस दौरान प्रदूषण से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जाते हैं।
इस फैसले के बाद बच्चों के स्कूल जाने और मिड-डे मील की समस्या सुलझने की उम्मीद है, लेकिन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त उपायों का पालन जारी रहेगा।
पाकिस्तान में शिया-सुन्नी का खुनी संघर्ष जारी, अब तक 80+ की हत्या, कई घायल
'इतने साल हो गए..', संविधान से धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द हटाने पर SC का फैसला
मछली पकड़ने वाली नाव में 5000 किलो ड्रग्स, समंदर से पकड़ाई सबसे बड़ी खेप