नई दिल्ली: भारत के चीफ जस्टिस वाई चंद्रचूड़ (CJI D Y Chandrachud) ने शुक्रवार (2 दिसंबर) को कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि बच्चों को जितना संभव हो कम पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने स्कूल के पाठ्यक्रम में पूर्वोत्तर से संबंधित इतिहास और भूगोल को शामिल करने के लिए गाइडलाइन्स मांगने वाले एक याचिकाकर्ता से कहा कि, 'सूचनाओं की अधिकता पैदा करने की जगह, हमें उनके दिमाग को खोलने में मदद करनी चाहिए।'
हालांकि, CJI के नेतृत्व वाली बेंच ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि ये अकादमिक नीति के मामले हैं और कोर्ट, सरकार को यह निर्देश नहीं दे सकती कि बच्चों को क्या पढ़ाना है। इसके बाद शुक्रवार को ही चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने डॉ एल एम सिंघवी मेमोरियल लेक्चर के लिए न्यायाधीशों, वकीलों, पूर्व नौकरशाहों और कांग्रेस नेताओं की भीड़ के बीच भी अपनी उपस्थिति दर्ज की।
बता दें कि, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी उनको सुनने वालों के बीच बैठे हुए थे। दिल्ली नगर निगम चुनावों (MCD Election) के लिए प्रचार ख़त्म होने के बाद सीएम केजरीवाल इस मेमोरियल लेक्चर के लिए वक़्त पर पहुंचकर सबको हैरान कर दिया। क्योंकि कोई ऐसी उम्मीद नहीं कर रहा था। क्योंकि अरविंद केजरीवाल का नाम निमंत्रण पत्र पर नहीं था। कार्ड पर CJI डी वाई चंद्रचूड़ और मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के नाम ही लिखे हुए थे।
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