बच्चों को केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि देश से भी रूबरू या राष्ट्र सम्बंधित शिक्षा प्रदान करना भी शिक्षकों की जिम्मेदारी होती है. अब साउथ एमसीडी ने भी यह निर्णय लिया है कि, वह अपने सभी 581 प्राइमरी स्कूलों में सामान्य शिक्षा के अलावा देशभक्ति की शिक्षा एवं महापुरुषों की जीवनी की भी बच्चों को शिक्षा देगा. एमसीडी की ऐसी अवधारणा है कि, इस फैसले से बच्चों में सांस्कृतिक व नैतिक शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा.
प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल माह में साउथ एमसीडी में बीजेपी के सत्तारूढ़ होने के बाद इस बात की कवायद चल रही थी कि, सभी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को सामान्य शिक्षा के अलावा ऐसी शिक्षा भी दी जाए, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो. आपको जानकारी के लिए बता दे कि, बीजेपी का अनुषंगी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी लगातार इस कोशिश में है कि स्टूडेंट्स को देश के असली इतिहास के अलावा उन्हें देशभक्ति का ज्ञान भी दिया जाए ताकि उन्हें देश के इतिहास की ‘सच्ची’ जानकारी मिल सके.
भारतीय जनता पार्टी से संपर्क में रहने वाले कई संगठन और भाजपा खुद यह आरोप लगा रही है कि, एक विशेष विचारधारा को ध्यान में रख कर भारत के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, जिसे रोकना और बेहतर बनाएं रखना बहुत आवश्यक है. कयास यह भी लगाए जा रहे है कि, संघ की विचारधारा को देखते हुए एमसीडी द्वारा स्कूलों के पाठ्यक्रम में ये परिवर्तन किया जा रहा है.
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