इंदौर/ब्यूरो। वंचित वर्गो के बच्चों को जीवन उपयोगी शिक्षा देने और खेल खेल में शिक्षा के प्रति लगाव उत्पन्न करने के उद्देश्य से इंदौर शहर को बालमित्र बनाने की दिशा में अभिनव पहल की गई है। इसके तहत इंदौर पुलिस के तत्वावधान में, चाइल्ड लाइन व अशासकीय संस्था आस द्वारा ‘मस्ती की पाठशाला’ नामक चलित पुस्तकालय का लोकार्पण किया गया। पुलिस आयुक्त इंदौर महागर हरिनारायणचारी मिश्र एवं अति. पुलिस आयुक्त (अपराध/मुख्यालय) इंदौर राजेश हिंगणकर के निर्देशन में पुलिस कंट्रोल रुम पलासिया में आयोजित इस कार्यक्रम में अति. पुलिस उपायुक्त मुख्यालय मनीषा पाठक सोनी ने हरी झंडी दिखाकर चलित पुस्तकालय मोबाइल वैन की शुरूआत की।
यह मोबाइल वैन (होप) ‘आस ऑन व्हील्स’ एक चलती हुई मस्ती की पाठशाला के रूप में जानी जाएगी। यह वैन एसीजी (एडवांस कैप्स्यूल ग्रुप) केयर फाउंडेशन द्वारा संस्था आस को प्रदान की गई है। यह वैन, बच्चों के लिए मनोरंजक व ज्ञानवर्धक गतिविधियों की शिक्षण सामग्री, खिलौने,पेंटिंग्स आदि से सुसज्जित है, जो चाइल्ड लाइन के साथ संस्था आस द्वारा शहर की स्लम बस्तियों, समाज के वंचित तबके के बीच ले जाकर, उनके बच्चों को मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से शिक्षित करने का काम करेगी। उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए एक चलित स्कूल के रूप में मस्ती की पाठशाला कार्य करने का प्रयास करेगी।
इस मस्ती की पाठशाला के लिए मोबाइल वैन प्रदान करने वाली एसीजी कंपनी के सुनील और विनीत ने अपनी कंपनी और एसीजी केयर फाउंडेशन के कार्यों के बारे में जानकारी दी।संस्था आस के वसीम इकबाल ने बताया गया कि यह मोबाइल वैन पूरे इंदौर शहर में कार्य करेगी। मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से वंचित वर्गों के बच्चों के साथ तालमेल बनाने, असुरक्षित स्थानों से बच्चों को बचाने, उन्हें आश्रय ग्रहों तक पहुंचाने तथा मोबाइल स्कूल के माध्यम से इन छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए कार्य करेगी।
अति. पुलिस उपायुक्त मनीषा पाठक सोनी ने बच्चों को बाल सुरक्षा के बारे में जानकारी दी और उन्हें पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में बताया। बच्चों को पुलिस कंट्रोल रूम में घुमाया गया व उन्हें बताया कि पुलिस किस तरह से कार्य करती है। बच्चों के द्वारा भी इस दौरान तरह तरह के प्रश्न पूछे गए जैसे यदि उन्हें पुलिस बनना है तो उन्हें क्या करना पड़ेगा, पुलिस बनने के लिया कितनी पढ़ाई करना पड़ती है, पुलिस बच्चों की मदद किस तरह करती है आदि- आदि। जिस पर पुलिस अधिकारियों द्वारा बड़े ही रोचक अंदाज में प्रश्नों का जवाब देकर,बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत किया गया।
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