नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर चिंताओं के मध्य, केंद्र ने शनिवार को बताया कि बच्चे संक्रमण से सुरक्षित नहीं हैं, मगर असर न्यूनतम है। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता के चलते बताया कि यदि बच्चे कोरोना से प्रभावित होते हैं, तो या तो कोई लक्षण नहीं होंगे या कम से कम लक्षण होंगे। उन्हें सामान्य रूप से हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरुरत नहीं होगी।
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बताया कि महामारी की दूसरी लहर आहिस्ता-आहिस्ता दैनिक सकारात्मक मामलों की संख्या में निरंतर गिरावट के साथ नियंत्रण में आ रही है। इसके साथ ही सकारात्मकता दर भी बढ़ी है। विशेषज्ञों, राज्य सरकारों द्वारा तीसरी लहर पर चिंता जताई है। यह भी आशंका व्यक्त की है कि यह संभावित तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है।
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए देश ने इसके लिए तैयारियां आरम्भ कर दी हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में राज्य तथा जिला अफसरों के साथ बैठक में युवाओं और बच्चों में संक्रमण के संचरण और गंभीरता पर डेटा एकत्र करने के लिए कहा था। इससे पूर्व, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि उसने महामारी की तीसरी लहर की तैयारी आरम्भ कर दी है तथा बच्चों के लिए बाल चिकित्सा कोविड वार्ड स्थापित करना आरम्भ कर दिया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि बच्चों में इस संक्रमण का संकट बढ़ सकता है।
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