चिली। चिली के लोकप्रिय कवि व नोबेल पुरस्कार विजेता पाब्लो नेरूदा को लेकर आश्चर्यजनक जानकारी सामने आई है। दरअसल उनकी मौत को लेकर इतने वर्षों बाद यह बात सामने आई है कि उनकी मौत कैंसर से नहीं हुई थी। उन्हें जहर देकर मारा गया था। यह बात कही थी नेरूदा के पूर्व वाहन चालक मेनुएल अराया ने। जी हां, इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के 16 सदस्यों वाले विशेष जांच दल ने नेरूदा की मौत के कारणों की खोज की।
इन लोगों ने फोरेंसिक रिपोर्ट को लेकर भी जांच की। नेरूदा की मौत को लेकर विशेषज्ञों ने यह पाया कि उनकी मौत कैंसर से नहीं हुई बल्कि उनकी मौत की वजह जहर दिया जाना था। गौरतलब है किे वर्ष 1973 में चिली के सैनिक जनरल आॅगस्टो पिनोचे ने अलेंदे सरकार का तख्ता पलट कर दिया था। इसके लगभग 2 सप्ताह में ही नेरूदा की मौत हो गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 1970 में चिली में सैलवाडाॅर अलेंदे ने साम्यवादी सरकार का गठन किया था। यह विश्व की पहली ऐसी सरकार थी जो लोकतांत्रिक तरह से चुनी गई थी। अलेंदे ने वर्ष 1971 में नेरूदा को फ्रांस में चिली का राजदूत नियुक्त किया था। इसके बाद उन्हें साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था। प्रेसिडेंट अलेंदे की मृत्यु के लगभग 12 दिन बाद नेरूदा की मौत हो गई थी।
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मौत को रोका तो नहीं लेकिन टाला जरूर जा सकता है