बीजिंग: चीन के वुहान शहर से पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस ने भारी तबाही मचा रखी है। चीन में पहला कोरोना का मामला 17 नवंबर, 2019 को सामने आया था और चीन पर शुरू से कोरोना से संबंधित जानकारी छुपाने और गुमराह करने का आरोप लग रहा है। अमेरिका लगातार इस महामारी के लिए चीन को कसूरवार ठहरा रहा है।
दरअसल, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आरोप लगाते हुए कहा था कि चीन द्वारा वायरस के सैंपल नष्ट कर करने के चलते यह पता लगाना कठिन हो गया कि वायरस कहां से पैदा हुआ। अब इस कड़ी में बड़ा खुलासा हुआ है, जिसके बाद चीन फिर सवालों के दायरे में आ गया है। बताया जाता है कि चीन ने कबूल कर लिया है कि उसने देश में फैले कोरोना वायरस के शुरुआती नमूनों को नष्ट कर दिया गया था।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक सुपरवाइजर लिओ डेंगफेंग ने कहा कि चीनी सरकार ने 3 जनवरी को कोरोना वायरस सैंपल को अनधिकृत लैब में नष्ट करने के लिए एक आदेश जारी किया था। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया था। उन्होंने साथ ही कहा कि वायरस को फैलने से बायोसेफ्टी को ध्यान में रखते हुए सैम्पल्स को नष्ट किया गया था।
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