बीजिंग: ट्रेड वॉर के बीच चीन ने गुरुवार को अमेरिका पर जबरदस्त हमला बोलते हुए उस पर ‘खुल्लम-खुल्ला आर्थिक आतंकवाद’ फैलाने का इल्जाम लगाया है. विश्व की दोनों मुख्य अर्थव्यवस्थाओं के बीच लंबे समय से विवाद जारी है और व्यापार समझौते को लेकर वार्ता अटकी हुई है.अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी माह चीन की वस्तुओं पर आयात शुल्क में इजाफा किया है.
इसके साथ ही चीन की दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनी हुवावे को ब्लैक लिस्ट में डाला है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ' चीन के उप विदेश मंत्री झांग हनहुई ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा है कि, 'हम व्यापार युद्ध के खिलाफ हैं, लेकिन इससे भयभीत नहीं हैं. अमेरिका आर्थिक आतंकवाद में नंगेपन पर उतर आया है. अमेरिका का रवैया आर्थिक दृष्टि से उग्र राष्ट्रवाद और दूसरों को डराने धमकाने वाला है.' उने चेताया कि ट्रेड वॉर में कोई विजेता नहीं होता. अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ोतरी किए जाने के बाद चीन ने जवाबी कदम उठाया है.
चीन के मीडिया ने सुझाव दिया है कि वह अमेरिका को ‘रेयर अर्थ मिनरल्स’ (दुर्लभ खनिजों) का निर्यात रोक दे, जिससे अमेरिका प्रौद्योगिकी उत्पादों के लिए एक अहम् सामग्री से वंचित हो जाए. उल्लेखनीय है कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापर युद्ध पिछले साल मार्च से चल रहा है, जब ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयात होने वाले स्टील और अल्युमिनियम पर अधिक टैरिफ लगा दिया था. इसके जवाब में तब चीन ने भी अरबों डॉलर के अमेरिकी आयात पर टैरिफ में वृद्धि कर दी थी.
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