नई दिल्ली: चीन के अपने सभी पड़ोसियों मुल्कों के साथ सीमा विवाद हैं, वो भी जमीन और समुद्र दोनों सीमाओं पर. उसके अंतिम छोर पर रहने वालों में से एक भारत है. स्पष्ट है चीन भारत की भी क्षेत्रीय अखंडता की परवाह नहीं करता है. पिछले दो दिनों में ही चीनी सैनिकों ने सिक्किम में बॉर्डर पर इंडियन आर्मी के जवानों के साथ झड़पें कीं. इसके अलावा चीनी हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख में भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास उड़ान भरी.
अब, चीन पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र पर एक बांध बनाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए एक चीनी कंपनी ने पाकिस्तान सरकार के साथ एक करार पर दस्तखत किए हैं. गिलगित-बाल्टिस्तान में इस एक बांध का बनाने के लिए $ 5.8 बिलियन की डील हुई है जो कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पड़ता है. तकनीकी रूप से यह भारतीय क्षेत्र है, किन्तु भारत की तमाम आपत्तियों के बाद भी चीन पाकिस्तान के साथ व्यापार कर रहा है.
इस परियोजना को डायमर-भाषा बांध नाम दिया गया है. यह करार पावर चाइना के नेतृत्व में एक जॉइंट वेंचर के साथ हुआ है जो एक चीनी कंपनी है. इसका दूसरा साझीदार फ्रंटियर वर्क ऑर्गनाइजेशन है जो पाकिस्तान सेना की सहायक कंपनी है. एक प्रकार से यह चीन और पाकिस्तान आर्मी का जॉइंट वेंचर है. जाहिर है यह प्रोजेक्ट दोनों पक्षों के लिए लाभदायक है. चीन को अधिक सौदें मिलते हैं और पाकिस्तान सेना ज्यादा पैसा कमाती है.
यहां पर झोपड़ों में बनाया क्वारंटाइन सेंटर, हर प्रकार की सुविधा रहेगी उपलब्ध
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी किए बाजार मूल्यांकन के आंकड़े