नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का कल शाम दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था। आज उनका दिल्ली के विजय घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वे लम्बे समय से गंभीर बिमारियों से जूझ रहे है। लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब अटल जी के हौसले भी उनकी तरह ही अटल होते थे। उनकी हिम्मत के कई किस्से आज भी याद किये जाते है। ऐसा ही एक किस्सा चीन के दूतावास से भी जुड़ा हुआ है।
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दरअसल 1965 में चीन ने भारत पर तिब्बत के चरवाहों की 800 भेड़ें और 59 याक चुराने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं चीन ने भारत को यह भी कहा था की यदि उसके जानवर लौटाए नहीं गए तो परिणाम भुगतने पड़ेगे। चीन के इस बेतुके आरोप का विरोध करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी, जो उस समय सांसद थे, दिल्ली स्थित चीनी दूतावास में भेड़ों का झुंड लेकर ही चले गए।
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उसी वक्त दूतावास के बहार कुछ प्रदर्शनकारी भी खड़े थे जो नारे लगा रहे थे कि अब चीन भेड़ों और याक पर विश्व युद्ध शुरू करेगा। उनके के हाथ में तख्ते थे, जिनपर लिखा था, 'हमें खा लीजिए, लेकिन दुनिया को बचा लीजिए।
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