बीजिंग: एक चीनी वैज्ञानिक ने दुनिया के पहले जीन में संशोधन कर बच्चों को एचआईवी प्रतिरोधी बनाने का दावा किया है. उसके विवादित प्रयोग के बारे में विरोध बढ़ने के बाद उस वैज्ञानिक को किसी भी तरह की वैज्ञानिक गतिविधि करने से निलंबित कर दिया गया है, चीन की मीडिया रिपोर्टों ने इस खबर की पुष्टि की है.
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चीनी वैज्ञानिक ही जियानकुई ने एक उर्वर मानव-अंडा कोशिका में एक जीन को अक्षम कर शख्स को एचआईवी प्रतिरोधी बना दिया है, जो प्रोटीन द्वारा बनता है, इससे वायरस मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपाध्यक्ष जू नानपिंग ने राज्य संचालित एक टीवी चैनल को बताया कि जैसा कि मामला मीडिया ने बताया गया है, यह चीन के कानून और विनियम के अंतर्गत एक गंभीर उल्लंघन है.
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उन्होंने कहा कि यह अकादमिक सदाचार और नैतिकता को निचले स्तर पर तोड़ता है, यह हैरान करने वाला और अस्वीकार्य है. जू ने एक साक्षात्कार में कहा है कि मंत्रालय ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि वे मामले से जुड़े लोगों की सभी वैज्ञानिक गतिविधियों को निलंबित करें और जांच कर रिपोर्ट पेश करें ताकि दोषी को सज दी जा सके. आपको बता दें कि चीन दुनिया भर में अपनी तकनीक के कारण विख्यात है, हाल ही में उसने अंतरिक्ष में तीन कृत्रिम चाँद लगवाने का दावा भी किया था.
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