बीजिंग: दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस की दहशत से खौफजदा चीन नित नए निर्देश जारी की जा चुकी है. वहीं चीन ने बीते रविवार यानी 2 फरवरी को Coronavirus को फैलने से रोकने के लिए इसके संक्रमण से मरने वालों को दफनाने, जलाने या अंतिम संस्कार करने पर रोक लगा दी है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि प्रशासन ने अंतिम दर्शन कार्यक्रम जैसी परंपराओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (National Health Commission), नागरिक मामलों के मंत्रालय एवं जन सुरक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि शवों का अंतिम संस्कार उनके स्थान के नजदीक के शवदाह गृहों में कराया जाए. वहीं यह भी पता चला है कि कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में नहीं ले जाया जा सकता है. ना तो ऐसे शवों को दफनाया जा सकता है ना ही अन्य साधनों से इन्हें संरक्षित नहीं किया जा सकता है.
वहीं रिपोर्ट्स से पता चला है कि शवों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सीलबंद बैग में रखना चाहिए जिसको बाद में खोला न जा सके. जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि शवों को लाने के लिए शवदाह गृहों द्वारा कर्मी और वाहन भी भेजे जाने चाहिए और उसका मार्ग पहले से तय होना चाहिए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. मालूम हो कि चीन में इस वायरस के संक्रमण से 304 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 14 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. इस बीच चीन में सेना को उस अस्पताल की जिम्मेदारी सौंप दी गई जिसे खास तौर पर कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बनाया गया है. वहीं चीनी सेना के 1,400 डॉक्टर एक हजार बिस्तरों वाले फायर गॉड माउंटेन नाम के इस अस्पताल में विषाणु से संक्रमित लोगों का इलाज करेंगे. जंहा इस बात का पता चला है कि अस्पताल उन दो अस्थायी अस्पतालों में से एक है जिन्हें वुहान के मरीजों की अधिकता को देखते हुए बनाया गया है. दूसरे अस्पताल का नाम थंडर गॉड माउंटेन रखा गया है जिसमें 1,600 बिस्तरों की सुविधा होगी.
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