भारत के पड़ोसी देश चीन की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है, क्योकि ताइवान की जनता ने राष्ट्रपति साई इंग-वेन को भारी बहुमत से फिर सत्ता सौंपी है. शनिवार को आए चुनाव परिणाम में इस द्वीपीय देश में पहली महिला राष्ट्रपति को दोबारा सत्ता हासिल हुई. केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, देश के 22 शहरों और काउंटी में करीब 19310000 मतदाता हैं. कुल मतदाताओं में छह फीसद 20 से 23 वर्ष आयु के बीच के हैं.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ताइवान की स्वतंत्रता को स्वीकार नहीं करता, वह उसे अपना हिस्सा मानता है. ताइवान के मामलों में किसी देश का बोलना भी चीन को पसंद नहीं है. साई की जीत पर अमेरिका ने खुशी जाहिर की है और उन्हें बधाई दी है. विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने आशा जताई है कि वह चीन के क्रूरतापूर्ण दबाव को भुलाकर उसके साथ संबंधों में स्थिरता लाने की कोशिश करेंगी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मतों के बढ़ते अंतर के बीच मतगणना के बीच साई (63) अपनी पार्टी के मुख्यालय में समर्थकों के बीच आईं. हाथों में देश और पार्टी की झंडियां लिए हजारों हर्षातिरेक समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए उनका स्वागत किया.साई ने कहा, ताइवान ने दुनिया को दिखा दिया है कि स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक तरीके की जीवनशैली से उसे कितना प्यार है. हम अपने देश से प्यार करते हैं, यह हमारा गौरव है. राष्ट्रपति ने कहा, वह चीन से वार्ता की इच्छुक हैं और क्षेत्र में शांति चाहती हैं. इसलिए चीन अपनी नकारात्मक हरकतों को छोड़े, द्वीप की 2.3 करोड़ जनता को देश का भाग्य तय करने दे.
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