बीजिंग। चीन के अभियंता इन दिनों विश्व की सबसे लंबी सुरंग बनाने में लगे हैं। इस सुरंग का निर्माण तिब्बत क्षेत्र में होगा। ब्रह्मपुत्र नदी की जलधारा को चीन सूखाग्रस्त क्षेत्र में मोड़ना चाहता है। इसके लिए वह एक टनल का निर्माण करेगा। इस नदी को यहां यारलुंग त्सांगपो के नाम से जाना जाता है। डोकलाम मामले में, चीन की प्रस्तावित सुरंग दोनों ही देशों के मध्य विवाद का मसला बन सकती हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर भारत गंभीर तरह से चर्चा कर चुका है। इस मामले में दक्षिण चीन माॅर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, शिनजिआंग को कैलिफोर्निया में परिवर्तित करने हेतु प्रस्तावित सुरंग को लेकर पर्यावरणविदों ने चिंता व्यक्त की है। प्रस्तावित सुरंग विश्वभर में सबसे ऊॅंचे पठार, तिब्बत के पठार से नीचे की ओर विभिन्न स्थानों पर पहुंच जाएगी।
वह वाॅटरफाॅल्स से लिंक होगी। इससे चीन के प्रशासनिक संभाग को वाॅटर सप्लाय किया जाएगा। यह संभाग का सबसे महत्वपूर्ण और रेगिस्तानी व शुष्क घास का मैदान बताया गया है। नदी की जलधारा को तकलामाकान रेगिस्तान की ओर मोड़ा जाएगा। इस मामले में वांग वेई ने कहा कि लगभग 100 से अधिक वैज्ञानिकों द्वारा शोध किए जाने को लेकर टीमों का गठन किया गया है।
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