नई दिल्लीः चीन वैश्विक ताकत बनने के खातिर अपने नौसेना की ताकत को बढा रहा है। नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि अपने इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसने अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बहुत से संसाधनों व हथियारों को नौसेना में हस्तांतरित किया है। उन्होंने कहा कि भारत सावधानीपूर्वक इस पर नजर रखे है।
उन्होंने यह बात चीनी रक्षा मंत्रालय के बुधवार को अपनी सैन्य तैयारियों पर लाए गए श्वेत पत्र पर कही। ‘चाइनाज नेशनल डिफेंस इन द न्यू इरा’ शीर्षक से जारी श्वेत पत्र में बीजिंग ने भारत, अमेरिका, रूस और अन्य देशों के साथ तुलना करते हुए अपने सैन्य कार्यक्रमों के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी है। शिपबिल्डिंग पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के इतर एडमिरल सिंह ने कहा कि यह मात्र चीन का श्वेत पत्र नहीं है, इस तरह की बातें पहले भी कही जाती रही हैं।
हम चीन के वैश्विक ताकत बनने की महत्वाकांक्षा पर नजर रखे हुए हैं और देखते हैं कि हम अपने बजट और बाध्यताओं के अंदर कैसे से जवाब देते हैं। दूसरे स्वदेशी विमान वाहक पोत पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि हमारी योजना 65,000 टन क्षमता के इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन और केटापुल्ट असिस्टेड टेकऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी (सीएटीओबीएआर) बनाने की है। उन्होंने कहा कि पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत का निर्माण अंतिम चरण में है और इसके 2020 में समुद्री परीक्षण की संभावना है।
उन्होंने कहा कि तकनीक हस्तांतरण बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारा प्रयास भविष्य में सभी प्लेटफार्मों का निर्माण स्वदेशी रूप से करना है। उन्होंने कहा कि मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर और नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर जैसे अन्य प्रोजेक्ट निर्माण इस दिशा में चल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि साल 2050 तक नौसेना के पास 200 जहाज और 500 विमान रखने का लक्ष्य है। सरकार ने नौसेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए 56 नए युद्धपोतों और छह पनडुब्बियों को शामिल करने की मंजूरी दी है।
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