बीजिंग: चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुस्लिमों पर जुल्म लगातार जारी है। हाल में, चीनी प्रशासन ने उइगरों के ख़िलाफ़ अपनी कार्रवाई में उनके मजहबी स्थल को होटल बना देने का मन बनाया है। होटन प्रांत में मौजूद मस्जिद, जिसे 2018 में ध्वस्त किया गया था, उसे पहले हिल्टन प्लॉन का नाम दिया गया था। लेकिन, अब इस परियोजना का नाम ‘हैप्टन इन होटल’ हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सरकार की ऐसी मनमानियों के मद्देनज़र 40 से अधिक मुस्लिम-अमेरिकी सिविल राइट संगठनों के समूह ‘काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स’ (SCAIR) ने इसका विरोध किया था।
इस संबंध में उन्होंने ग्लोबल बॉयकॉट का आह्वान भी किया था। संगठन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर निहाद अवाद ने कहा था कि उन्हें प्रस्तावित किए गए इस प्रोजेक्ट के संबंध में जून में जानकारी मिली थी। उनके अनुसार, ये प्रोजेक्ट मानवाधिकारों का उल्लंघन है जो उइगर मुस्लिमों के विश्वास और आस्था के दमन में भागीदार होगा। वर्जीनिया में हिल्टन हेडक्वार्टर के सामने आयोजित एक प्रेस वार्ता में बोलते हुए, संगठन ने कहा था कि वे होटल समूह के साथ ‘अप्रत्यक्ष रूप से चर्चा’ कर रहे थे कि निर्माण योजना को निरस्त किया जाए। हालाँकि, इस वार्ता का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला। इसलिए उन्होंने हिल्टन के ख़िलाफ़ 'वैश्विक बहिष्कार' का आह्वान किया।
दूसरी तरफ चीन शुरू से इन सभी दावों को खारिज करता रहता है। उसका कहना है कि उन्होंने कोई मजहबी स्थल जबरन तोड़ा ही नहीं, जबकि मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि 2017 से 2020 के बीच में शिनजियांग के 900 क्षेत्रों में लगभग 16000 मस्जिदें या तो आधी या फिर पूरी तरह ध्वस्त कर दी गई हैं। मीनारों को मस्जिद से हटा दिया गया है।
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