बीजिंग: चीनी अधिकारियों ने कोरोना वायरस के प्रकोप पर अंकुश लगाने के लिए सख्त उपाय वाले कदम उठाने लगे है . इसी कवायद में मध्य चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में पीड़ितों की तलाश में एक-एक घर की जांच करने का आदेश दिया गया है. जंहा इसी शहर से यह वायरस पूरे चीन समेत दुनिया के कई देशों में फैल गया है. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए तमाम उपाय अपनाए जा रहे हैं. शहर में सेना भी तैनात हो चुकी है.
मिली जानकारी के अनुसार एक करोड़ से ज्यादा आबादी वाले वुहान समेत लगभग पूरे हुबेई में पिछले करीब तीन हफ्ते से आवाजाही बंद है. इसके चलते लोग घरों में एक तरह से कैद होकर रह गए हैं. वुहान का बीते गुरुवार को दौरा करने वाली देश की उप प्रधानमंत्री सून चुनलेन ने चिकित्सा कर्मचारियों को शहर में घर-घर जाकर लोगों की जांच करने और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बारे में पूछताछ करने का आदेश दिया. जंहा वुहान में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आते जा रहे है. सबसे ज्यादा मौत भी इसी शहर में हुई है. शहर के बाहरी इलाके में एक अस्थायी अस्पताल भी शुरू हो गया है. एक हजार बिस्तर की क्षमता वाला यह अस्पताल दस दिन के अंदर बनाया गया था. 1300 बिस्तर की क्षमता वाला एक अन्य अस्पताल तैयार किया जा रहा है जबकि शहर के एक जिम और प्रदर्शनी केंद्र को भी अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है.
जंहा इस बात का पता चला है कि उल्लेखनीय है कि चीन में इस रहस्यमय वायरस से अब तक 636 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 31,161 हो गई है. वहीं कोरोना वायरस की सबसे पहले चेतावनी देने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत से लोगों में नाराजगी बढ़ गई है. लोग सोशल मीडिया पर सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. यूजर्स वेनलियांग को नायक बताते हुए चीनी अधिकारियों पर अयोग्यता का आरोप लगा रहे हैं.
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