न्यूयॉर्क: भारत के पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा है कि चीन को यह विचार करना होगा कि वो पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के रास्ते में तकनीकी बाधा उत्पन्न कर दुनिया को क्या संदेश दे रहा है. दरअसल, चीन ने पिछले हफ्ते लगातार चौथी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी.
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उल्लेखनीय है कि भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 44 जवानों के शहीद होने के बाद यह प्रस्ताव लाया गया था. इस बारे में टाटा ग्रुप में वैश्विक कॉरपोरेट मामलों के अध्यक्ष तथा चीन तथा अमेरिका में भारत के राजदूत के पद पर रह चुके जयशंकर ने कहा है कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर चीनी लोगों को विचार करना चाहिए कि वे विश्व को क्या संदेश दे रहे हैं.
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उन्होंने मसूद अजहर पर बैन लगाने के प्रस्ताव को चीन द्वारा फिर से रोक लगाने के एक सवाल के जवाब में यहां इस हफ्ते एशिया सोसायटी के एक सत्र में यह बयान दिया है. यह सवाल किए जाने पर कि चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल को भारत किस तरह देखता है, इस पर जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा है कि इस परियोजना पर भारत का रवैया पूरी तरह स्पष्ट किया जा चुका है. उन्होंने कहा है कि चीन की पहल को लेकर भारत की कुछ विशेष चिंताएं हैं.
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