बीजिंग : दलाई लामा को भारत द्वारा अरुणाचल प्रदेश के दौरे की इजाजत दिए जाने के बाद से चीन बहुत खफा है. चीन के राज्य मीडिया ने गुरुवार को आग बबूला होकर धमकी देते हुए कहा कि अगर भारत ये गंदा खेल जारी रखता है तो हमले का जवाब हमले से ही दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि चीन ने भारत को चेतावनी दी थी कि वो दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश जाने की मंजूरी ना दे, लेकिन भारत ने इसे नजरअंदाज किया.
गौरतलब है कि चीन का विदेश मंत्रालय औपचारिक बयान कम ही जारी करता है. वहां का राज्य मीडिया ही सरकार का नजरिया दुनिया के सामने रखता है. ये दो अखबार हैं, चाइना डेली और ग्लोबल टाइम्स.चीन के इन दो प्रमुख अंग्रेजी दैनिक ने दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा पर गुरुवार को आलेख प्रकाशित किए. डेली टाइम्स ने रिजिजू के बयान पर कहा कि भारत तिब्बती धर्म गुरू को कूटनीतिक यन्त्र की तरह इस्तेमाल कर रहा है. लेख में कहा गया कि भारत ने ये कदम इसलिए उठाया क्योंकि चीन ने एनएसजी में उसका प्रवेश नहीं होने दिया. जबकि चाइना डेली ने भारत के रवैये को साफ तौर पर 'भविष्य में आने वाली दिक्कत’ बताया. इसमें कहा गया कि ताइवान और तिब्बत की तरह अरुणाचल भी उसी का हिस्सा है. ये अलग बात है कि भारत इसे तवज्जो देता है या नहीं.
बता दें कि ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि दोनों देश अमन चाहते हैं. हालांकि, रिश्ते सुधरने का ज्यादा फायदा भारत को होना बताया . लेकिन, अगर भारत दुश्मनी वाला रवैया ही जारी रखता है तो क्या वो इसके नतीजों के लिए भी तैयार है?अपनी ताकत बताते हुए कहा कि चीन की जीडीपी भारत से कई गुना ज्यादा है,सैन्य शक्ति भी भारत से बेहतर है. भारत के कुछ राज्यों मे परेशानियां हैं और इनकी सीमा चीन से लगती है.अखबार का इशारा कश्मीर की ओर था, जहां पाकिस्तान की शह पर आतंकी आए दिन हिंसा फैला रहे हैं.हालाँकि लेख में एक ओर दोस्ती का भी पैगाम दिया है .अख़बार लिखता है अगर, बीजिंग, जियोपॉलिटिकल चीजों में उलझ गया तो क्या वो भारत से हार जाएगा? क्योंकि, बीजिंग तो नई दिल्ली को दोस्त के तौर पर देखता है.वहीं दलाई लामा का सवाल उठाकर रिश्ते ख़राब होने की भी बात करता है.
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