बीजिंग : चीन में वायुप्रदूषण के लिए सरकार कई तरह के उपाय कर रही है लेकिन वहां का वायु प्रदुषण बढ़ता ही जा रहा है. चीन का वायुप्रदूषण क्यों बढ़ रहा है इस पर विशेषज्ञ का कहना है कि वायु प्रदूषण के लिए हेयर स्प्रे, परफ्यूम और एयर रिफ्रेशर में पाए जाने वाले वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों को जिम्मेदार हैं जिसके कारण वहां की हवा ख़राब हो रही है. सोमवार को बीजिंग में जबरदस्त धुंध देखि गई है जिसके बाद ही विशेषज्ञ ने ये दावा किया है.
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बीजिंग में वायु गुणवत्ता सूचकांक 213 तक पहुंच गया, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘अत्यंत अस्वास्थ्यकर’ की श्रेणी में वर्गीकृत किया है. बता दें, बीजिंग में 2.10 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं और यहां हर साल ही वायु प्रदुषण की परेशानी रहती है. इसके अलावा भी हवा प्रदूषित होने के कारण हैं जिससे हवा खतरनाक होती जा रही है. आइये जानते हैं इसके कारण और उपाय.
* विशेषज्ञ का कहना है कि वायु गुणवत्ता के लिए वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वीओसी) को जिम्मेदार है.
* वीओसी कार्बन आधारित रसायनों का एक समूह है और ये कमरे के तापमान पर आसानी से वाष्पित हो सकता है.
* घर में रखे पेंट और सफाई उत्पादों से भी वीओसी निकलता है जिससे हवा ख़राब होती है.
* विशेषज्ञों के अनुसार, वीओसी यौगिकों में पीएम 2.5 का स्तर 12 प्रतिशत के करीब होता है.
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इन उपाय से आ सकती है कमी
* सरकार ने कुछ उपाय सुझाये थे जिसके बाद प्रदुषण में कुछ हद तक गिरावट भी आई थी.
* एक उपाय ये भी था साल 2015 में कोयले का सीमित इस्तेमाल और प्रदूषण उद्योगों को क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित करना .
* चीन आज से नहीं बल्कि पिछले कई सालों से धुंध के खिलाफ लड़ रहा है और अब तक प्रदूषण से बचने के उपाय ढूंढ रहा है. इसने कुछ चीनी क्षेत्रों में जीवन प्रत्याशा में कटौती की है.
* इसके अलावा बहुत अधिक धुंध होने पर सरकार ने जनता को मास्क और एयर प्यूरीफायर खरीदने और उन्हें पहनने को कहा है.
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