चीन। डोकलाम में चीन की सेना द्वारा भारत में घुसपैठ किए जाने को लेकर, काफी हंगामा हुआ। भारतीय सुरक्षा बल ने इस मामले में जमकर आपत्ती जताई और चीन की सेना को भारतीय क्षेत्र से हटने के लिए कहा मगर चीन इस मामले में लगातार विवाद करता रहा। अब इस मामले में जानकारी सामने आई है कि, भारत और चीन के संबंधों पर गहरा दबाव पड़ गया था। इतना ही नहीं कूटनीतिक माध्यम से इसका हल निकाले जाने को आवश्यक बताया गया था।
इस मामले में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस तरह की बात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक में कही थी। वांग द्वारा सुषमा स्वराज ने कहा कि, भारतीय सीमा पर तैनात सैनिक जून में अवैध तौर पर चीन के क्षेत्र में दाखिल हो गए थे। उनका कहना था कि, द्विपक्षीय संबंधों पर इसका विपरीत असर हुआ। वांग द्वारा कहा गया कि, भले ही कूटनीतिक माध्यम से करीब दो माह बाद गतिरोध समाप्त हो गया मगर हमें भविष्य में विभिन्न घटनाओं से बचने के प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में वांग ने कहा कि,चीन और भारत के संबंध को लेकर दोनों देशों को डोकलाम में 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद चीन के किसी शीर्ष नेता की नयी दिल्ली की ये पहली यात्रा थी। इस मामले में वांग ने कहा कि गतिरोध भले ही कूटनीतिक माध्यमों से दो महीने बाद खत्म हो गया हो मगर इससे सभी को सबक सीखना चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटना से बचने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
भरी बस में लड़की ने उतार दी लड़के की पैंट और फिर..
चीन ने पाकिस्तान में CPEC का काम रोका