बीजिंग : पूरी दुनिया में ईसाई समुदाय धूमधाम से क्रिसमस पर्व मना रहा है। वही चीन में एक साल से राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार अवैध चर्चों के खिलाफ अभियान चला रही है। क्रिसमस के हफ्ते में इस अभियान में तेजी आई है। इसका असर यहां के करीब तीन करोड़ ईसाइयों पर पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस अभियान के बावजूद यहां के ईसाइयों ने कहा है कि वे अपना धर्म नहीं छोड़ेंगे।
कई प्रार्थना स्थलों को किया बंद
प्राप्त जानकारी अनुसार इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल चीन में बाइबिल की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी गई। क्रॉस जलाए गए, चर्चों को ढहाया गया, 5-6 प्रार्थना स्थलों को बंद कर दिया गया। वही पुलिस ने पोस्टर चिपकाकर ईसाइयों को हिदायत दी है कि वे लोगों को भड़काने वाले काम न करें। कानून का उल्लंघन किया गया तो कड़ी सजा मिलेगी। चीन में कानून का उल्लंघन करने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है।
सूत्रों की माने तो चीन में ईसाइयों की जनसंख्या करीब छह करोड़ के आस-पास हैं। इनमें से आधे प्रार्थना के लिए सरकार से मान्यता प्राप्त चर्चों में जाते हैं और बाकी गैरआधिकारिक चर्चों में जाते हैं।
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