नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सिक्किम में तनाव हो गया। चीन और भारत के बीच सीमा विवाद बढ़ता नज़र आ रहा है। जहां चीन ने मानसरोवर यात्रा के लिए निकले यात्रियों को रोक दिया और नाथुला दर्रे के मार्ग को बंद कर दिया वहीं भारत चीन से सिक्किम में सड़क निर्माण कार्य न करने के लिए कह रहा है। चीन इस मामले में बौखला रहा है। वर्ष 1962 में चीन की जंग से सबक लेने के लिए चीन ने कहा था और भारत को चेतावनी दी थी।
मगर चीन को यह नहीं पता कि वर्ष 1962 की जंग के बाद भारत रणनीतिक तौर पर चीन को पटखनी दे चुका है एक बार तो भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने चीन पर भेड़ों का झुंड तक छोड़ दिया था। वर्ष 1967 में भारतीय सैनिकों ने चीन के सैनिकों को मार गिराया था। भारत ने चीन के बंकर्स तक ध्वस्त कर दिए थे। रणनीतिक स्थिति वाले नाथुला दर्रे में हुए विवाद की कहानी हमारे सैनिकों के साहस का परिचायक है।
गौरतलब है कि तिब्बत सिक्किम सीमा पर स्थित नाथुला दर्रा 14200 फीट पर है। यहां से गैंगटोक यातुंग ल्हासा व्यापार मार्ग है। मगर चीन का मानना है कि सिक्किम भारत का भाग नहीं है। 14 सितंबर को चीनियों ने धमकी दी कि यदि भारत की ओर से फायरिंग बंद नहीं हुई तो वह हवाई हमला कर देगा।
ऐसे में चीन ने फायरिंग रोक दी। भारत के ले. जनरल जगजीत अरोरा सेना प्रमुख ले जनरल सैम मानेकशाॅ सहित वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कार्रवाई कर रहे थे। ऐसे में दोनों देशों ने अपने अपने सैनिकों के शवों का आदान प्रदान किया। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में एक चीनी ने बाॅर्डर के पास उसके भेड़ों के झुंड में से एक भेड़ चुराने का आरोप लगाया ऐसे में चीन की एंबेसी पर भेड़ों का समूचा झुंड छोड़ दिया गया।
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