बीजिंग: 'छीनकर लेगे आज़ादी' के नारे लगाने वालों को आज हम चीन से सामने आई एक तस्वीर दिखाना चाहते हैं। बीते कुछ दिनों में आपने नागरिकता अधिनियम के विरोध में पुलिस के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखी होंगी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर हमने कुछ लोगों को कानून के रखवालों पर ही पत्थर बरसाते हुए देखा है, किन्तु कानून और पुलिस, चीन में भी है। जिसका एक रूप आप इस वीडियो में देख सकते हैं।
ये मंजर चीन की पुलिस के Interrogation Room का है। जिस कुर्सी पर युवक बैठा हुआ है, वो Metal से बनी कुर्सी है। जिसमें दोनों हाथ और पैर Automatically Lock हो जाते हैं। इस युवक के भी दोनों हाथ और पैर Lock कर दिए गए हैं। यानी अब ये युवक कुर्सी पर बैठा तो है, किन्तु सवालों के जवाब देने के अतिरिक्त कुछ भी नहीं कर सकता है। अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर इस शख्स की गलती क्या है? किस जुर्म में इसे हिरासत में लिया गया है ? इसका जवाब जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
दरअसल, इस युवक ने...चीन की पुलिस की आलोचना की थी .. वो भी चीन के एक मेसेजिंग एप पर। इसने पुलिस से कुछ सवाल पूछे थे, किन्तु इन सवालों के जवाब देने कि जगह...चीन की पुलिस ने इस युवक को ही हिरासत में ले लिया और अपने अंदाज में सवाल पूछने आरंभ कर दिए। बताया जा रहा है कि अमेरिका के एक पूर्व इंटेलिजेंस अफसर ने इसका वीडियो जारी किया है। ये भी माना जा रहा है कि ये वीडियो कई वर्ष पुराना है, किन्तु ये कितना भी पुराना क्यों ना हो.. ये चीन की असलियत को ही दिखा रहा है। जिन्हें भी ऐसा लगता है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है उन्हें शुक्र मनाना चाहिए कि वे चीन में नहीं हैं।
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