नई दिल्ली: पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को और सशक्त करने के इरादे से चीन ने थल सेना से लगभग 50 प्रतिशत सैनिकों की छटनी कर दी है. बताया जा रहा है कि चीन थल सेना में रिक्त हुए इन पदों का उपयोग अपनी कॉम्बेट यूनिट को मजबूत करने में करने वाला है. दरअसल, पीएलए में कॉम्बेट यूनिट में नेवी, एयरफोर्स, रॉकेट फोर्स और स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स शुमार है. चीन अपनी नई सैन्य योजना के चलते भविष्य में कॉम्बेट यूनिट के अंतर्गत आने वाली इन चारों फोर्स के संख्या बल में वृद्धि कर सकता है.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान समय में चीन की कुल सेना में थल सेना और कॉम्बेट यूनिट में जवानों की संख्या लगभग आधी-आधी है. चीन का मानना है कि वक़्त के साथ बदलती चुनौतियों में थल सेना की भूमिका बेहद सिमट गई है. भविष्य में किसी युद्ध को जीतने के लिए नेवी, एयर फोर्स, रॉकेट फोर्स और स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स का सशक्त होना अनिवार्य है. लिहाजा, चीन ने अपनी थल सेना में कटौती कर कॉम्बेट फोर्स में सैनिकों की संख्या में इजाफा करना शुरू कर दिया है.
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इसी रणनीति के तहत पिछले वर्षों में चीन ने अपने नेवी का काफी विस्तार किया है. इसके अलावा, चीन हाल में एक एयरक्राफ्ट करियर को बनाने में कामयाब रहा है. दूसरे एयरक्राफ्ट करियर का परिक्षण चल रहा है और तीसरे करियर का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का प्लान 5 से 6 एयरक्राफ्ट करियर बनाने की है. इतना ही नहीं, चीन अपना फोकस फिलहाल पूरी तरह से रॉकेट फोर्स, स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स और मिसाइल वारफेयर पर है.
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