बीजिंग: चीन ने अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ रहे हालात के लिए अमेरिका को निशाने पर लिया है और तालिबान की मिसाल देते हुए ताइवान को भी धमकी दी है. चीन ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फ़ौज की वापसी के चलते काबुल सरकार का पतन हो गया है. दुनिया ने देखा कि तालिबान लड़ाके किस तरह काबुल में राष्ट्रपति भवन में दाखिल हो गए और कैसे अमेरिका को अपने राजनयिकों को हेलीकॉप्टर के जरिए अफगानिस्तान से निकालना पड़ा. इससे अमेरिका की विश्वसनीयता को बड़ा झटका लगा है.
चीन ने वियतनाम और सीरिया युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका मदद करने की जगह स्थिति बिगड़ने पर भाग जाता है. चीन सरकार के मुख पत्र माने जाने वाले अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने अफगानिस्तान में गहराए संकट को लेकर मंगलवार को प्रकाशित संपादकीय में अमेरिका को अविश्वसनीय करार दिया है. इसके साथ ही, आतंकी संगठन तालिबान की मुहिम की तर्ज पर ताइवान को चीन में मिलाने की वकालत की है.
ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में लिखा है कि, 'अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को उनके कुत्ते की मौत पर शोक संदेश भेजने वाली ताइवान की नेता और राष्ट्रपति साई इंन वेंग ने अफगान में गंभीर हो रहे हालात को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के अन्य नेताओं के साथ ताइवान की मीडिया ने भी अफगानिस्तान में चौंका देने वाले परिवर्तन को कम करके आंका. क्योंकि वे ये बेहतर तरीके से जानते हैं कि अमेरिका विश्वास के लायक नहीं है.'
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