बीजिंग। तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा की अरूणाचल प्रदेश की यात्रा को लेकर चीन ने विवाद को बढ़ा दिया है। चीन ने इस मामले में भारत को चेतावनी दी है और कहा है कि दोनों ही देशों के संबंधों और विवादित सीमा क्षेत्र में दलाई लामा की यात्रा से नुकसान होगा। गौरतलब है कि चीन अरूणाचल प्रदेश को अपना ही भाग मानता है जबकि भारत का कहना है कि यह चीन का नहीं भारत का क्षेत्र है। गौरतलब है कि चीन के पूर्व विशेष प्रतिनिधि दाई बिंगुओ ने चीन के मीडिया को साक्षात्कार दिया और कहा कि यदि भारत अरूणाचल प्रदेश के तवांग से दावा छोड़ देता है तो फिर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद हल हो सकता है।
इसके बाद अब गेंग द्वारा भारत से दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश की यात्रा नहीं करने देने की बात कही गई। गेंग ने कहा कि चीन यहां पर किसी भी नेता या अधिकारी की यात्रा को अनुमति नहीं देना चाता है मगर भारत का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता से जुड़ा है। ऐसे में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बताया कि चीन इसे लेकर बहुत ही परेशान है कि भारत ने दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश में यात्रा की अनुमति दी है।
चीन का दावा है कि अरूणाचल प्रदेश चीन अधिकृत कश्मीर का ही भाग है। दरअसल तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश की यात्रा की अनुमति दी गई थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग ने कहा कि चीन ने भारत से अनुरोध किया है कि वह दलाईल लामा को समर्थन न दे और भारत और चीन सीमा विवाद को बढ़ावा न दे। भारत अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता को बनाए रखे।
अब चीन रखेगा समुद्र के नीचे भी नजर
तवांग के बदले अक्साई चिन देने की चीन ने की पेशकश ?