बीजिंग। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिनों की अपनी 3 देशों की विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका गए। यहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनकी भेंट हुई। भारत के संदर्भ में इस भेंट को सकारात्मक माना जा रहा है। मगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भेंट चीन की आंखों में खटकने लगी है। डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में शानदार केमेस्ट्री नज़र आई। ट्रंप ने भी आतंकवाद को लेकर दोनों ही देशों के आपसी सहयोग की बात कही थी।
मगर अब चीन को भारत अमेरिका के इस साथ से मुश्किल हो रही है। दरअसल चीन का मानना है कि अमेरिका भारत को एक टूल की तरह उपयोग में ला रहा है जो कि चीन के विरूद्ध होगा। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाईम्स में एक लेख प्रकाशित हुआ है जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा का उल्लेख है।
इस यात्रा में अमेरिका की ओर से लिखे गए नोट में कहा गया था कि भारत अमेरिका का सच्चा मित्र है। इससे स्थिति स्पष्ट है कि अमेरिका बीजिंग पर निशाना साधने हेतु नई दिल्ली का उपयोग करेगा। समाचार पत्र में लिखा है कि भारत भले ही इस पर गर्व का अनुभव कर सकता है मगर अमेरिका का महत्वपूर्ण भागीदार बन रहा है। यह तो अमेरिका को एक ट्रैप है। भारत को उपयोग किऐ जाने की संभावना है।चीन ने कहा कि अमेरिका ने कभी भी भारत की सुरक्षा परिषद में सदस्यता के लिए मजबूती के साथ दावेदारी पेश नहीं की है।
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