बीजिंग: चीन ने अपने आर्थिक काॅरिडोर के मामले में सुर बदल दिया है। चीन ने कहा है कि वह काॅरिडोर के संचालन के लिये पाकिस्तान के साथ जहां मिलकर कार्य करेगा वहीं उसकी ओर से यह भी पूरा प्रयास रहेगा कि इस कारण किसी तीसरे देश या प्रांत को नुकसान नहीं हो। चीन ने यह भी कहा है कि हम केवल आर्थिक काॅरिडोर की परियोजना को अमली जामा पहनाना चाहते है, इसमें किसी देश को लक्षित नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि चीन और पाकिस्तान के बीच सामरिक आर्थिक काॅरिडोर परियोजना का संचालन किया जाना है तथा यह काॅरिडोर बलूचिस्तान से होकर गुजरेगा। हालांकि चीन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि काॅरिडोर के मामले में भारत दखल अंदाजी करता है या बाधा उत्पन्न की जाती है तो चीन और पाकिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से कदम उठाये जा सकते है।
विरोध के बाद बोला चीन-
आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब से बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया है, तभी से वहां के लोग मोदी का समर्थन करने लगे है और अब पाकिस्तान के खिलाफ वहां आग भी भड़क उठी है। इसके अलावा बलूचिस्तान के नेताओं ने चीन तथा पाकिस्तान के बीच संचालित की जाने वाली आर्थिक काॅरिडोर का भी विरोध करना शुरू कर दिया है। संभवतः यही कारण है कि चीन ने विरोध को देखते हुये अपनी सफाई दी है।
सहयोग का नया ढांचा बताया-
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है कि आर्थिक गलियारा किसी तीसरे देश के नुकसान हेतु नहीं है ओर न ही हम इसके लिये किसी देश को लक्षित करते है। प्रवक्ता ने बताया कि यह चीन और पाकिस्तान की ओर से स्थापित किया जा रहा है, जो हमारे आपसी सहयोग का एक नया ढांचा होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मोदी के उस बयान को लेकर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की है, जिसमें उन्होंने बलूचिस्तान का मामला उठाते हुये पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया था।