भारत के पड़ोसी देश चीन ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के जरिये तनाव और मतभेद कम करने के प्रयासों में मदद की थी. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अब अपने देश की पर्दे के पीछे से निभाई गई इस भूमिका को उजागर किया है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन में सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी के आधिकारिक समाचार पत्र 'पीपुल्स डेली' को दिए साक्षात्कार में वांग यी ने 2019 में चीन की कूटनीतिक उपलब्धियों के बारे में बताया है. इसी क्रम में वांग यी ने पुलवामा हमले का सीधे तौर पर जिक्र किए बिना कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जब तनाव चरम पर था तो चीन ने अपने विदेश उपमंत्री कोंग झुआनयू को पाकिस्तान भेजकर उसे संयम बरतने के लिए समझाया था.
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चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को वांग के इस साक्षात्कार की प्रतियां मीडिया को वितरित कीं. इसमें वांग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच चेन्नई में हुई दूसरी अनौपचारिक वार्ता का जिक्र करते हुए कहा, 'हमने अपने पड़ोसियों के साथ समग्र रूप से संबंधों में सुधार और विकास किया है. राष्ट्रपति चिनफिंग और प्रधानमंत्री मोदी ने चेन्नई में दूसरी सफल शिखर बैठक की और चीन-भारत संबंधों के सतत विकास का मार्ग प्रशस्त किया.' इससे पहले 13 दिसंबर को '2019 में चीन की कूटनीति' विषय पर एक संगोष्ठी में भी वांग ने कहा था कि चेन्नई शिखर बैठक ने भारत-चीन संबंधों के सतत और मजबूत विकास की टोन तय कर दी थी.
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