मुंबईः आज के दौर में चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा सहयोगी है। यह सहयोग राजनीतिक के साथ व्यापारिक भी है। चीन पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित कर रहा है। चीन ने पाक को इस बंदरगाह को लेकर बड़ा भरोसा दिया है। चीन ने कहा कि वह ग्वादर बंदरगाह को कराची बंदरगाह से भी अधिक बड़ा आर्थिक केंद्र बना देगा। ग्वादर बंदरगाह पाकिस्तान का रणनीतिक बंदरगाह है। दरअसल, इस बंदरगाह और बलूचिस्तान प्रांत में इसके मुक्त व्यापार क्षेत्र का परिचालन करने वाली चीनी कंपनी ने पाकिस्तान से यह वादा किया है।
कंपनी ने कहा है कि वह ग्वादर बंदरगाह को कराची बंदरगाह से ज्यादा मूल्यवान आर्थिक केंद्र बनाएगी। चीन की मीडिया द्वारा जारी खबरों के मुताबिक चीन ग्वादर बंदरगाह को आने वाले सात साल में पाकिस्तान की इकॉनोमी में सबसे ज्यादा योगदान देने वाला सेक्टर बनाना चाहता है। बताया जाता है कि चीन ने सात साल में ग्वादर बंदरगाह में 47,000 नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए उसने अरबों डॉलर के निवेश की योजना बनाई है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने ग्वादर बंदरगाह और ग्वादर मुक्त क्षेत्र में स्थापित की जाने वाली कंपनियों को 23 सालों के लिए इनकम टैक्स के साथ बिक्री कर और टैरिफ की छूट की घोषणा की है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की इस घोषणा को चाइना ओवरसीज पोर्ट्स होल्डिंग कंपनी ग्वादर के चेयरमैन झांग बाओझोंग ने पाकिस्तान की इकॉनोमी की किस्मत बदलने वाला बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बाओझोंग ने मीडिया को बताया कि अब ग्वादर बंदरगाह में अरबों डॉलर का निवेश किया जा सकेगा।
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