पेइचिंग. बिहार में आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मलेन के लिए तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को न्यौता भेजे जाने पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. चीन देश ने भारत को चेतावनी देते हुए सोमवार को कहा कि भारत दोनों देशो में बढ़ते कड़वाहट से बचने के लिए चीन की चिंताओं का सम्मान करे. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हु चनयिंग ने कहा, हाल के दिनों में भारत ने चीन की चिंताओं और विरोध को पूरी तरह दरकिनार कर 14वें दलाई लामा को भारतीय सरकार की तरफ से आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के लिए न्यौता दिया है.
चनयिंग ने आगे कहा, चीन इससे बिलकुल भी संतुष्ट नहीं है और इसका पुरजोर विरोध करता है. हम भारतीय पक्ष से गुजारिश करते है कि वह दलाई समूह के चीन-विरोधी अलगाववाद को समझे और तिब्बत के प्रति चीन की प्रतिबद्धता का सम्मान करे. भारत तिब्बत को लेकर चीन की चिंताओं का सम्मान करे और चीन-भारत संबंधों पर बुरा असर डालने वाली चीजों से बचे.
इससे पहले भी इसी महीने चीन ने दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने की अनुमति देने पर भारत सरकार से ऐतराज जताया था. बता दे कि चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है. उस समय चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि पूर्वी चीन-भारत सीमा को लेकर चीन का रुख स्पष्ट है. दलाई काफी समय से चीन-विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. उनका विवादित क्षेत्रों में जाना ठीक नहीं है.
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