लेह: भारत और चीन के बीच बातचीत के लिए मामले को सुलझाने की कवायद तेज हो चुकी है. दरअसल, गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट-14 में सोमवार रात को हुए हिंसक संघर्ष के बाद चीन ने इंडियन आर्मी के 10 जवानों को बंधक बना लिया था. 20 भारतीय जवानों की शहादत के साथ ही 10 जवानों के बंधक बनाए जाने से स्थिति तनावपूर्ण थी.
मेजर जनरल स्तर की वार्ता के बाद 10 भारतीय सैनिकों को चीनी सेना ने गुरुवार शाम यानी झड़प के तीन दिन बाद रिहा कर दिया है. बंधक बनाए गए जवानों में दो सैन्य अफसर भी शामिल थे. जवानों की रिहाई के बाद शुक्रवार को दोनों देशों के बीच कोई बातचीत प्रस्तावित नहीं थी, किन्तु बताया जा रहा है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच बातचीत फिर से आरंभ होगी. गुरुवार को भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने कहा था कि सेना का कोई भी जवान न तो लापता है और न ही बंधक बनाया गया है. हिंसक संघर्ष के बाद दोनों देशों के मेजर जनरल ने लगातार तीन दिनों तक मीटिंग की और बंधक बनाए गए भारतीय जवानों की रिहाई पर बात हुई. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय जवानों की रिहाई किस शर्त या आधार पर हुई है.
10 भारतीय जवानों के वापसी के बाद भी गलवान घाटी में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. गलवान घाटी और पैंगॉन्ग झील के पास दोनों देशों की तरफ से अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है. यह वही इलाका है, जहां 5 मई को दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थी और संघर्ष हुआ था.
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