बीजिंग: भारत के पड़ोसी देश चीन में सार्स जैसा वायरस तीव्रता से फैल रहा है, रिपोर्ट्स से मिकली जानकारी के मुताबिक इस घातक वायरल न्यूमोनिया से अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इससे प्रभावित 140 नए मामले सामने आए हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इस नए कोरोनो वायरस के सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम से जुड़े होने कारण चीन समेत दुनिया के बाकी मुल्क सतर्क हो गए हैं. वहीं वर्ष 2002 से 2003 के दौरान चीन और हांगकांग में यह लगभग 650 लोगों की जान ले चुका है.
वाशिंगटन में यात्रियों की हो रही जांच: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस वायरस की दहशत का आलम यह है कि वाशिंगटन में यात्रियों का एयरपोर्ट छोड़ने से पहले गहन स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. वहीं सबसे पहले चीन के चर्चित वुहान शहर में इसका पहला मामला सामने आया और हफ्ता बीतते-बीतते मामले बढ़कर 136 हो गए थे. शेनजेन के इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षक प्रीति माहेश्वरी (45) को पिछले बीते शुक्रवार यानी 17 जनवरी 2020 को गंभीर रूप से बीमार पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं दिल्ली में व्यापारी पति अंशुमान खोवाल ने बताया कि प्रीति का आइसीयू में इलाज चल रहा है और उन्हें वेंटीलेटर सहित अन्य जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है.
स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण की शिकायत: वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआत में प्रीति के कोरोनावायरस से पीड़ित होने का अंदेशा था, लेकिन बाद में पति ने कहा कि उसकी पत्नी स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण से पीड़ित थी. जंहा स्ट्रेप्टोकोकल के दो प्रकार हैं. जंहा ए और बी. दोनों के ही लक्षण कोरोनावायरस से मिलते-जुलते हैं. बता दें कि इसकी वजह एक नए प्रकार के कोरोना वायरस को माना जा रहा है. इसी तरह के एक वायरस से 2002 में सार्स (एसएआरएस) संबंधी बीमारी फैली थी. चीन के दक्षिणी इलाके से शुरू हुई इस बीमारी की चपेट में आकर दो दर्जन देशों के 800 लोगों की मौत हुई थी.
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