लद्दाख: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेना के मध्य गरमागर्मी जारी है लेकिन इन दिनों चीन की टेंशन बढ़ती जा रही है. हिंदुस्तान के 5 राफेल से डरकर चीन ने अपने होतान एयरबेस पर 36 बमवर्षक विमान रोक दिया हैं. LAC के नजदीक चीन के होतान एयरबेस में गजब की उथलपुथल मच गई है, ऐसा लग रहा है कि चीन ने अपने सारे फाइटर जेट्स की तैनात कर दिया. ऐसे में प्रश्न खड़े रहे हैं कि आखिर चीन में हलचल मची क्यों है? ये हलचल मचाई है हिन्दुस्तान के राफेल ने जिसके आते ही चीन टेंशन में आ चुका है. राफेल के आते ही सारा खेल और सारे समीकरण परिवर्तित हो गए. 28 जुलाई को चीन ने अफरा-तफरी में अपने 36 फाइटर जेट्स की तैनाती होतान एयरबेस पर की जा चुकी है. इन फाइटर जेट्स में 24, J-11 बमबर्षक हैं, जो रूस में बनाए गए हैं, 6 पुराने J-8 फाइटर जेट्स हैं. 2 Y-8G transports जेट्स हैं. 2 KJ-500 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट और 2 MI-17 हेलीकॉप्टर की भी तैनात कर दिए गए है.
अगर राफेल से पहले वाली स्थिति की बात की जाए तो होस्टन में उससे पहले भी चीनी बमवर्षक थे, लेकिन सिर्फ 12 को तैनात कर दी गई है. जिसे अब बढ़ाकर 36 कर किया जा चुका है. यह तकरीबन 300 प्रतिशत का इजाफा है. चीन को ये भी पता है कि होतान से उसके सारे विमान उड़कर वार करने में समर्थ नहीं है. भले ही आप सुनते आए हों कि चीन की फौजी ताकत दूसरे देशों के मुकाबले बहुत अधिक है लेकिन हकीकत ये है कि इस रीजन में जिसे Xinjiang region बताया जाता है, परेशानी टैरेन के कारण से उसके पास ढंग की एअर स्ट्रिप नहीं हैं.
युद्ध की स्थिति में चीन के बमबर्षक सिर्फ होतान एयरबेस से ही उड़ान नहीं भरेंगे, वो काशगर और नगारी कुंशा एयरबेस से भी उड़ान भरने के लिए तैयार है. लेकिन लद्दाख से काशगर की दूरी 350 किमी और नगारी कुशां से 190 किमी है. चीन के बमवर्षक उतनी दूर से जब जा रहे है तो भारत बड़े आराम से उनसे निपट लेगा. लद्दाख में एयर डिफेंस सिस्टम ऐसी ही परिस्थिति के लिए लगा है. चीन के फाइटर जेट्स विमान राफेल की तरह हवा में 12-12 घंटे नहीं उड़ सकते. कहने का मतलब ये कि हिंदुस्तान के 5 राफेल भी उसका सारा प्लान फेल करने का तरीका अपना सकते है. और मिग-29K और सुखोई जैसे फाइटर जेट्स तो पहले से ही लद्दाख में कर दिए गए है.
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