बीजिंग: चीन से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में दस्तक दे दी है. वहीं वायरस ने चीन को तो लगभग तोड़कर रख दिया है. जंहा लोगों की जान के साथ-साथ इससे आर्थिक नुकसान भी हो रहा है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि चीनी सरकार इस पर रोक के लिए तमाम प्रयास कर रही है मगर अब तक कोई कामयाबी नहीं मिल पाई है. फिलहाल वायरस से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए सरकार ने दो नए अस्पताल बनवा दिए हैं, वहां मरीजों की लाइन लग गई है. ऐसा नहीं है कि कोरोना वायरस से मरीज सिर्फ मर ही रहे हैं, लोग ठीक होकर अपने घरों को भी जा रहे हैं. अब तक दो हजार से अधिक लोग ठीक होकर अपने घरों को जा चुके हैं. जानते हैं कि कोरोना वायरस के फैलने और उसके पीछे कौन-कौन से कारण जिम्मेदार बताए जा रहे हैं.
तो पैंगोलिन से फैला कोरोना वायरस: मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस चीन के बाद लगभग पूरी दुनिया को अपने कब्जे में लेने को आतुर है. इंसानी जान का दुश्मन कोरोना अब तक आठ सौ से अधिक लोगों की जान लील चुका है और तीस हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. चीनी शोधकर्ताओं ने कोरोना के लिए पैंगोलिन को जिम्मेदार ठहराया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना से पीड़ित मरीज और पैंगोलिन में मौजूद इस वायरस का आनुवांशिक अनुक्रम 99 फीसद समान है. हालांकि अभी तक यह शोध प्रकाशित नहीं हुआ है.
चमगादड़ और मनुष्य के बीच की कड़ी: वहीं यह भी पता चला है कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप की जांच में जुटे शोधकर्ताओं का कहना है कि लुप्तप्राय पैंगोलिन चमगादड़ों और मनुष्यों के बीच की गायब कड़ी हो सकते हैं. चमगादड़ों को इस बीमारी का नवीनतम वाहक माना गया है. वहीं आनुवांशिक विश्लेषण के मुताबिक, मनुष्यों में फैला वायरस 96 फीसद चमगादड़ों के समान था. फ्रांस के पाश्चर इंस्टीट्यूट के अरनोड फांटेनेट के अनुसार, यह बीमारी चमगादड़ों से सीधे मनुष्य तक नहीं पहुंचती है बल्कि हमें लगता है कि कोई अन्य जानवर इसका मध्यस्थ है.
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