बीजिंग: कोरोना की जांच करने के लिए लोगों के नाक-मुंह से सैंपल लेते हुए तो अपनी कई तस्वीरें देखीं होंगी. तस्वीरों में एक बात कॉमन दिखती है कि लोगों को नाक-मुंह के अंदर तक स्वाब डालने से बहुत तकलीफ होती है. किन्तु चीन ने अब जो नया कोरोना टेस्ट शुरू किया है, उसके सामने ये तकलीफ कुछ भी नहीं है. दरअसल, चीन ने अपने यहां आने वाले प्रत्येक विदेशी के लिए गुदा से स्वाब लेकर कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया है. चीन के एयरपोर्ट्स पर शुरू किए गए इस टेस्ट के कारण दुनियाभर के यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
चीन ने कोरोना के लिए इस खास तरह के टेस्ट की शुरुआत जनवरी के आखिरी सप्ताह से की है. चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन की सिफारिश पर ये टेस्ट आरंभ किया गया है. कमीशन का दावा है कि गुदा से लिया गया स्वाब नाक या गले से लिए गए नमूने से बेहतर और सटीक परिणाम देता है. ब्रिटिश अखबार द टाइम्स के मुताबिक, अब इस खास टेस्टिंग के लिए बीजिंग और शंघाई के हवाई अड्डे पर बड़े सेंटर सेट किए जाएंगे. अभी तक छोटे सेंटरों पर ही ये टेस्ट किए जा रहे हैं.
बीजिंग के रेस्पिरेटरी डिजीज़ डिपार्टमेंट के निदेशक ली तॉन्गजेन ने वॉशिंगटन पोस्ट अखबार को जनवरी में दिए साक्षात्कार में इस बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि कोरोना का वायरस गले के मुकाबले गुदा में अधिक समय तक बना रहता है. हालाँकि, इंटरव्यू में उन्होंने ये भी कहा था कि गुदा से सैंपल केवल उन लोगों का लिया जाए, जिन्हें क्वारंटीन किया गया है. ऐसा इसलिए कि यह गले से सैंपल लेने के मुकाबले अधिक असुविधाजनक होता है.
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