आमतौर पर मंदिर या मठ या जो भी इमारतें होती हैं वो धरातल से जुड़ी होती है. लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जो 1500 सालों से हवा में झूल रहा है. इस मंदिर को देखना किसी स्वप्न से कम नहीं है. इसके बारे में आपने भी नहीं सोचा होगा जिस मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. उत्तर चीन के शानसी प्रांत के ताथुंग शहर में स्थित ये मंदिर सीधी खड़ी पहाड़ी चट्टार पर बनाया गया है जिसे दूर से देखने पर लगता है कि वह हवा में अटका हुआ है.
दरअसल, यह मंदिर हवा में खड़े मंदिर के नाम से पूरे देश-दुनिया में मशहूर है, जिसका मतलब होता है मठ या शुआन खोंग सः. इस मंदिर का निर्माण आज से 1500 साल पहले हुआ था. वह चीन में अब तक सुरक्षित एकमात्र बौध, ताऔ और कंफ्यूसियस त्रिधर्मों की मिश्रित शैली में निर्मित अनोखा मंदिर है. यह मंदिर काफी पुराना है लेकिन अब तक ऐसा ही बना हुआ है और इसे देखकर हर कोई हैरान है.
चीन के बड़ी संख्या में सुरक्षित प्राचीन वास्तु निर्माणों में हवा में खड़ा मंदिर एक अत्यन्त अद्भुत निर्माण है. इस मंदिर का निर्माण काम वाकई अनोखा है. मंदिर सीधी खड़ी चट्टान के कमर पर अटका सा खड़ा है. उस के ऊपर चट्टान का बाहर की ओर बढ़ा निकला हुआ विशाल टुकड़ा एक विशाल छाता की भांति मंदिर को वर्षा और पानी से क्षति पहुंचाने से बचा देता है.
जमीन से 50 मीटर ऊंजी जगह खड़ा होने से मंदिर पहाड़ी घाटी में आने वाली बाढ़ से भी बच सकता है. मंदिर की चारों ओर घिरी पहाड़ी चोटियां उसे तेज धूप से भी बचा सकती हैं. कहा जाता है कि गर्मियों के दिन भी रोज महज तीन घंटों तक सूरज की किरणें मंदिर पर पड़ सकती है. इसी के कारण लकड़ी का यह मंदिरा 1500 साल पुराना होने पर भी आज वह अच्छी तरह सुरक्षित रहा है.
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