कोरोना संक्रमण के बीच लद्दाख में बनी टकराव की स्थिति के शुरुआती दौर में चीन ने अपने सैनिकों को सीमा तक लाने के लिए बड़े-बड़े ट्रकों का इस्तेमाल किया था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस काम में मिट्टी ढोने वाले ट्रक लगाए गए थे. इस काम में पिछले कई वर्षो में सीमाई क्षेत्रों में बनाई गई सड़कों का भी चीन को फायदा मिला. इनकी मदद से चीन अपने सैनिकों को तेजी से और कई ठिकानों पर पहुंचाने में सफल रहा.
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इस मामले को लेकर सूत्रों ने कहा कि इस सीमा पर सेनाओं के बीच गोलीबारी का कोई अंदेशा नहीं है, लेकिन यहां अपनी मजबूती दिखाकर ही सेनाएं एक-दूसरे पर हावी होती हैं. यहां काफी कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सेना कितनी जल्दी अपने सैनिकों को यहां पहुंचा सकती है. इस मामले में चीन को पिछले कई दशक में बनाए अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर का फायदा मिला है. यही कारण है कि चीन पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का विरोध करता है. सीमा पर तनाव पैदा करना भी भारत पर दबाव बनाने की ही रणनीति है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पिछले कुछ वर्षो में भारत ने अपने हिस्से में इन्फ्रा मजबूत करने पर जोर दिया है. चीन की ओर से भारत से अपने छात्रों को वापस बुलाने के कदमों पर सूत्रों ने कहा कि इसका मौजूदा तनाव से कोई लेना-देना नहीं है. छात्रों को वापस भेजने के लिए चीन ने बहुत पहले ही अनुरोध कर दिया था. सूत्रों ने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
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