भारत के पड़ोसी देश चाइना हमेशा अपने कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहता है. बता दे कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की सत्तारूढ़ पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) से उत्तर पश्चिमी शानक्सी प्रांत में अपने दो प्रतिनिधियों को अनुशासन उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोप में पार्टी से बर्खास्त कर दिया. 2012 में सत्ता में आने के बाद से 66 वर्षीय शी द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत सैकड़ों शीर्ष सैन्य अधिकारियों को या तो बर्खास्त कर दिया गया या उन पर मुकदमा चलाया गया.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के दर्जनों शीर्ष जनरलों और अधिकारियों को भ्रष्टाचार-विरोधी अभियान के तहत भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के लिए बर्खास्त कर दिया गया है. पूरे चीन में एक लाख से अधिक अधिकारियों को राष्ट्रपति के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के लिए दंडित किया गया है. आलोचकों का कहना है कि इससे उन्हें अपनी शक्ति को मजबूत करने में भी मदद मिली. शी, वर्तमान में अपने दूसरे पांच साल के कार्यकाल में, माओत्से तुंग के बाद शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे है. वह चीन की सत्तारूढ़ सीपीसी, सेना और राष्ट्रपति पद के प्रमुख हैं। शानक्सी उनका गृह प्रांत है.
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इस मामले को लेकर शनिवार को सीपीसी केंद्रीय अनुशासन अनुशासन आयोग ने एक बयान में कहा कि शानक्सी प्रांत के प्रमुख झाओ झेंगयोंग और प्रांत के उप गवर्नर चेन गुओकियांग को अनुशासन उल्लंघन और भ्रष्टाचार के लिए बर्खास्त कर दिया गया. प्रांत के पूर्व डिप्टी गवर्नर चेन को भी पार्टी और उनके पद से निष्कासित कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि झाओ अपने आदर्शों और विश्वासों से भटक गए और पार्टी के कार्यों में कोई दिलचस्पी नहीं लेते थे.
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