नई दिल्ली : निर्माण क्षेत्र में गिरावट झेल रहे चीन ने अब खुद को दुनिया के तकनीकी हब के तौर पर विकसित करने का सपना देखना शुरू कर दिया है.विशेष बात यह है कि चीन यह उपलब्धि अपने देश के नागरिकों के भरोसे नहीं, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में सक्रिय हाई-स्किल्ड भारतीयों के जरिए हासिल करना चाहता है.
गौरतलब है कि भारत में वांछित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों पर संयुक्त राष्ट्र में लगाम कसने की मांग पर अड़ंगा लगाने और एनएसजी में एंट्री का विरोध करने की वजह से दोनों देशों के संबंध मधुर नहीं हैं. सूत्रों केअनुसार भारतीय टेक्नोक्रेट्स के लिए अपने दरवाजे खोलकर चीन दोनों देशों के बीच भरोसा बढ़ाने की कोशिश में लगा हुआ है.
चीन के सरकारी अखबारी ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक आलेख के जरिये सरकार को सलाह दी थी कि उसे भारत के हाई-टेक टैलंट को किराये पर लेना चाहिए. अमेरिका में वीजा नियमों में सख्ती के संकेतों के बीच भारतीय लोगों के पास चीन में बड़ी नौकरियां हासिल करने का मौका होगा. अख़बार लिखता है कि बीते कुछ सालों से चीन में टेक जॉब्स का बूम देखने को मिला है. विदेशी अनुसंधान और विकास केंद्र के लिए चीन आकर्षक स्थान बन चुका है.
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