मुंबई: गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव होने तक चीन शांत था, या फिर उसे शांत रहने के लिए कहा गया था? शिवसेना के ठाकरे गुट के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने यह बेतुका सवाल पुछा है। साथ ही राउत ने यह भी आशंका जताई है कि 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश की बॉर्डर पर तवांग के यांगत्से इलाके में चीनी और भारतीय जवानों के बीच हुई झड़प को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार कुछ छुपा रही है।
राउत ने कहा कि, लद्दाख से चीनी सेना को खदेड़े जाने के बाद अब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने तवांग में घुसपैठ का प्रयास किया है। ऐसे में देश के राजनेता राजनीति में जरा कम ध्यान दें और देश के तीनों तरफ से जो सीमा की सुरक्षा का सवाल उठ रहा है, उस पर सचेत और सावधान रहें, तभी देश की सही तरह से सेवा हो सकेगी। राउत ने कहा कि, ‘भारत और चीन के सैनिकों में हुई झड़प की यह खबर 8 दिनों बाद सामने आई। देश के रक्षामंत्री कुछ छुपा रहे हैं क्या? गुजरात में और देश के अन्य राज्य में विधानसभा चुनाव होने तक चीन शांत तक था या चीन को शांत रहने के लिए कहा गया था? चीन लद्दाख और डोकलाम के बाद अब तवांग में घुस आया है। देश के राजनेताओं को चाहिए कि वे सियासत, जांच एजेंसियों, विधानसभा, विपक्ष पर ध्यान देने की जगह असुरक्षित हो रही सरहदों पर ध्यान दें।’
राउत ने कहा कि, ‘गुजरात चुनाव जीतने का जश्न शुरू हुआ ही था और उधर चीन के सैनिक तवांग में घुसपैठ कर रहे थे। यानी अपने देश की सुरक्षा जैसे गंभीर मामले में भी सियासत की और जीत का जश्न मनाया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अरुणाचल प्रदेश में चीन पहली दफा नहीं घुसा। इससे पहले भी कई बार चीन ने उस जगह पर अपना दावा किया है। यह सरकार को पता नहीं है क्या? चीन लगातार अपने नक़्शे में अरुणाचल प्रदेश को दिखाता आ रहा है। ऐसे में अतिरिक्त एहतियात बरतनी चाहिए थी, मगर ऐसा हुआ हो, यह लगता नहीं।’ बता दें कि, 9 दिसंबर को चीन के 300 सैनिक भारतीय पोस्ट पर कब्ज़ा करने आए थे, लेकिन हिन्द की सेना ने उन्हें बुरी तरह खदेड़ दिया और अपनी धरती की रक्षा की।
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