वाशिंगटन : ट्रम्प प्रशासन ने भारत-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिज्ञा को दोहराते हुए कहा है कि चीन के राजनीतिक इरादे इस क्षेत्र को लेकर अस्थिर और प्रतिकूल हैं. एक बैठक के दौरान एशियाई और प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक सचिव रैंडल श्राइवर ने सांसदों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अमेरिका, चीन के साथ अपने सम्बन्ध जारी रखेगा, लेकिन चीन की उन नीतियों को स्वीकार नहीं करेगा जो अंतरराष्ट्रीय नियम के विपरीत हैं, क्योंकि अमेरिका, भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखना चाहता है और इसके लिए वो अपने प्रयास जारी रखेगा.
उन्होंने कहा कि चीन को चाहिए कि वो भी भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अमेरिका के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए, जैसा बाकी सभी देश करते हैं. किन्तु कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में कुछ चीन की कुछ गतिविधियां देखी गई हैं, जिन्हें हम दक्षिण चीन सागर में अस्थिर और प्रतिकूल के रूप में देखते हैं.
रैंडल ने कहा है कि हम चीन के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन जहाँ चीन अंतरराष्ट्रीय नियामों का खंडन करेगा तब हम सख्ती से उसके खिलाफ भी खड़े होंगे. पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा है कि हमारा लक्ष्य सभी देशों की समृद्धि, स्वतंत्रता और शांति को बनाए रखना है और अगर चीन अमेरिका के इस लक्ष्य में बाधक बनता है, तो निश्चित तौर पर इसका विरोध किया जाएगा.
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