कोरोना वायरस को लेकर यही कहा जाता है कि यह चीन से आया है. वहीं इस समय कोरोना वायरस की उत्पत्ति के आरोपों से घिरे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कहना है कि, 'चीन ने COVID19 के प्रकोप पर खुले और पारदर्शी तरीके से काम किया है. इसको लेकर कई ठोस प्रयास किए, जिससे महामारी के दौरान दुनिया भर के लाखों लोगों को बचाने में मदद मिली.' जी दरअसल हाल ही में चीन ने डब्ल्यूएचओ की एक टीम को कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए देश का दौरा करने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त कर दी थी.
Chinese President Xi Jinping has said that China acted in an open and transparent manner on the #COVID19 outbreak and that it had taken concrete efforts that helped save tens of millions of lives around the world during the pandemic: Reuters
— ANI (@ANI) September 8, 2020
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आप सभी जानते ही होंगे कि कोरोना वायरस का पहला केस चीन के वुहान में पाया गया था. कोरोना के कहर के बाद अमेरिका के, विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग होने के फैसले की चीन ने आलोचना की है और कहा कि यह एक और उदाहरण है जब अमेरिका ने एकतरफा कदम उठाया है. बीते दिनों ही चीन ने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को करने के लिए डब्ल्यूएचओ का बचाव भी किया था. वहीं अब खबर है कि कोरोना वायरस की शुरुआत कहां से हुई, इसकी जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों की एक टीम चीन जाने वाली है.
जी दरअसल ट्रंप प्रशासन ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच (डब्ल्यूएचओ) से सभी संबंध तोड़ दिए हैं और इस निकाय से अमेरिका के बाहर होने के अपने फैसले के बारे में संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक रूप से अवगत करवा दिया है.
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