पटना: रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री पारस भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में उनकी एंट्री पर सवाल उठाकर राजग (NDA) की छवि खराब कर रहे हैं। मीडिया से चर्चा करते हुए चिराग ने अपने चाचा को हाल ही में दिल्ली में हुई NDA की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए स्वागत की याद दिलाई।
उन्होंने कहा, 'पीएम द्वारा सबके सामने मुझे गले लगाए जाने के कुछ ही दिनों पश्चात् उन्हें इस प्रकार के बयान देते हुए सुनना हैरान करने वाला है। इस प्रकार के बयान गठबंधन को बदनाम करते हैं।' अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को लेकर पशुपति पारस और चिराग में बहुत खींचतान चली थी और बाद में पार्टी दो गुटों में विभाजित हो गई। चिराग ने कहा, 'जब मैं अपने पिता की मृत्यु के बाद मुश्किल दौर से गुजर रहा था तो पीएम मोदी ने मुझे सहारा दिया। यही कारण है कि जब मैं औपचारिक रूप से NDA का हिस्सा नहीं था तब भी मैंने कभी उनके खिलाफ नहीं बोला।
उन्होंने यह भी कहा, 'पीए, के साथ मेरा बहुत सुंदर रिश्ता है, यही वजह है कि मैंने बीते वर्ष कुछ विधानसभा सीटों के उपचुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार किया था, हालांकि मैं उस वक़्त NDA में नहीं था।' जमुई के सांसद चिराग ने ने यह भी कहा कि वह चाचा पारस से अपने दिवंगत पिता के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, जिसका प्रतिनिधित्व उनके चाचा लोकसभा में करते हैं तथा जिस पर वह दावा करना चाहते हैं। शनिवार को पारस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के चलते घोषणा की थी कि वह अगले वर्ष लोकसभा चुनाव में हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने चिराग के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्हें (चिराग) यह सीट मिलनी चाहिए क्योंकि वह दिवंगत पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया पारस ने भी भरोसा जताया था कि इस सीट पर उनके दावे को बीजेपी का समर्थन मिलेगा क्योंकि चिराग 'अभी तक NDA का हिस्सा नहीं हैं।'
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