कोच्चि: केरल के कोट्टयम में सायरो मालाबार चर्च पाला धर्मप्रांत के ‘मार जोसेफ कल्लारंगट’ नाम के बिशप ने ईसाई लड़कियों के साथ ‘लव जिहाद’ के साथ-साथ ‘नारकोटिक्स जिहाद’ को लेकर चिंता व्यक्त की थी, जिसके बाद मुस्लिमों ने बिशप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बिशप के घर के बाहर भी कई मुस्लिमों ने इकठ्ठा होकर विरोध जाहिर किया। ‘मुस्लिम कोआर्डिनेशन कमिटी’ ने 200 लोगों के साथ विरोध करने बिशप के घर पर पहुंचे।
कई मुस्लिम संस्थाओं ने भी बिशप पर सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया है। ‘कोट्टायम महलु मुस्लिम कोआर्डिनेशन कमिटी’ ने बिशप के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है। PDP ने भी बिशप के घर के बाहर एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। कोट्टायम पुलिस प्रमुख के पास बिशप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। उनके खिलाफ गैर-जमानती धारा-153A (विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने वाला बयान देना) के तहत कार्रवाई किए जाने की भी माँग की गई है। मुस्लिम संस्थाओं ने कहा कि एक पवित्र किताब में वर्णित एक पवित्र शब्द को बिशप ने गलत घटनाओं के साथ जोड़ा है। इन संस्थाओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ईसाई-मुस्लिम दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। हालाँकि, स्थानीय भाजपा इकाई ने बिशप का समर्थन किया है। भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि ये एक गंभीर समस्या है, जिस पर समाज को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
मुस्लिम संस्थाओं का कहना है कि किसी भी जाँच एजेंसी को ‘नारकोटिक्स जिहाद’ जैसा कुछ नहीं मिला है। मुस्लिमों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगा कर रोका, जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प भी हुई। केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (KCBC) ने कहा है कि बिशप का बयान किसी समुदाय को टारगेट कर नहीं दिया गया था, इसकी गंभीरता पर चर्चा होनी चाहिए। संस्था ने नारकोटिक्स माफिया के विरुद्ध जाँच की भी माँग की। वहीं कई कैथोलिक संस्थाएँ भी बिशप के समर्थन में उतर आई हैं और उन्होंने भी मार्च निकाल कर बिशप के बयान का समर्थन किया।
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