कोलंबो: श्रीलंका में सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद द्वीपीय देश में रह रहे मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं प्रकाश में आई हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स ने दर्जनों निवासियों के हवाले से कहा है कि श्रीलंका के नेगोम्बो शहर में ईसाई समुदाय के लोग एक-एक कर घरों में पहुंचे और खिड़कियां-दरवाजे तोड़ दिए. लोगों को जबरदस्त खींचकर सड़कों पर लाया गया और उन्हें पीटा गया. मुस्लिम समुदाय के लोगों को मार देने की धमकी दी गई. इस शहर में ईस्टर के अवसर पर हुए धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
हालाँकि, मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा में किसी की मौत की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन लोगों में काफी दहशत का माहौल है. तमाम धर्मगुरुओं ने लोगों से शांति का आग्रह किया है, किन्तु देश में तनाव और डर लगातार बढ़ते जा रहा है. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 700 मुस्लिमों ने अपने घरों को छोड़ दिया है. कई मुस्लिमों ने कहा है कि वे छुपकर रह रहे हैं और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से परहेज कर रहे हैं. हालांकि, सप्ताह भर पहले तक श्रीलंका में ईसाइ और मुस्लिम समुदाय के बीच हिंसा का इतिहास नहीं रहा है. दोनों ही धर्म के लोग यहां अल्पसंख्यक हैं.
औरंगज़ेब जाबी अपने दोस्त के घर भोजन पका रहे थे, तभी उन्मादी भीड़ हाथों में लोहे की रॉड लेकर वहां आ पहुंची. भीड़ ने उस घर को घेर लिया. जाबी ने दो बच्चों को पकड़ा और दीवार फांदकर आर्मी चेकप्वाइंट के निकट पहुंचे. इसी दौरान जाबी को भीड़ ने घेर लिया और पीटने लगे. भीड़ ने सैनिकों से मांग की कि इसे मारने दिया जाए यहां तक की उन्होंने बच्चे को भी पीटा.
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